quail farming को हिंदी में बटेर की खेती कहा जाता है। इसके साथ ही साथ quail rearing का हिंदी मतलब बटेर पालन होता है। पर दोनों का काम एक ही होता है। काफी लोग बटेर पालन(quail farming) को नहीं जानते है या जानते है फिर भी बटेर पालन को नहीं कर पाते है। वैसे तो इसके पीछे बहुत से कारण देखने को मिल सकते है। पर जो अहम कारण होता है वह बटेर पालन की ज्ञान की कमी को माना जाता है।
तो आज हम आपको बटेर पालन के बारे में सब कुछ बताने वाले है। जिससे आपको बटेर पालन के बारे में सब ज्ञान मिल जाएगा और आप चाहे तो बटेर पालन के कारोबार को शुरू कर सकते है। भारत में काफी किसान और व्यपारी बटेर पालन को कर रहे है और काफी पैसा भी कमा रहे है।
हम आपको बता दे कि की बटेर पालन(quail farming) के जरिए आप मीट और अंडे का व्यपार कर सकते है। बटेर के मांस और अंडे खाने वाले के मुताबिक बटेर के अंडे और मीट काफी स्वादिष्ट होता है। बटेर के अंडे काफी नुट्रिएंट्स से भरे होते है।
अगर आप बटेर पालन को शुरू करेग तो आपको काफी कम समय में परिणाम देखने को मिलेगा। हम यह इस लिए कह रहे है क्यों की मादा बटेर(quail farming) करीब 6 से 7 हप्तो के बाद अंडे देना शरू कर देती है। हम आपको बता दे कि बटेर के हर अंडे का वजन करीब 7 से 15 ग्राम तक होता है। इसके साथ ही साथ एक मादा बटेर साल में 300 तक अंडे देती है। एक बटेर की कुल आयु 3 से 4 साल तक देखा गया है।
एक बड़ी बटेर एक वजन 150 से 200 ग्राम तक हो सकता है। इसके अलावा जब एक बटेर का बच्चा जन्म लेता है तो उसका वजन क़रीब 6 से 7 ग्राम तक होता है। जैसे कि अन्य पंछी अपने अंडे को सेते है पर बटेर ऐसा कभी भी नहीं करती है।
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बटेर पालन के कुछ खास जानकरी
अगर आप बटेर पालन के कारोबार को शरूर करेने के बारे में सोच रहे है तो हम आपको इसके बारे में कुछ खास चीज़े बता रहे है जो आपको बटेर पालन करने में काफी मदद करेंगे।
मादा बटेर नर से ज्यादा
जब आप अपना बटेर पालन को शुरू करे तो मादा बटेर को नर बटेर से ज्यादा रखे। शायद आपको यह पता हो। पर हम आपको बता दे कि 1 नर होने पर करीब 5 मादा बटेर को रखेंगे तो आपको काफी अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है।
गर्मी की व्यवस्था
बटेर पालन करने के लिए आपको यह जानना काफी जरुरी है कि बटेर को गर्मी और रोशनी की काफी जरूरत होती है। ऐसे में जब आप अपनी बटेर पालन (quail farming) के कारोबार को शुरू करे तब आप उन बल्ब का व्यस्था करे जो काफी गर्मी को पैदा करती है। काफी किसान 100 वाल्ट के बल्ब का प्रयोग करते है।
बटेर को जितना अच्छा रोशनी और गर्मी मिलेगा उतना ही अंडे देने के साथ ही साथ उनका शरीर सवस्थ रहेगा। गर्म पैदा करने वाले बल्ब इस कारोबार में काफी जरूर होते है। हम आपको यह भी बता दे कि बटेर के उम्र के हिसाब से उन्हें रोशनी के समय और गर्मी की जरूरत होती है।
आयु | तापमान °C | प्रकाश (घंटा) |
1 सप्ताह | 35 | 24 |
2 सप्ताह | 30 | 24 |
3 सप्ताह | 25 | 12 |
4 सप्ताह | 21-22 | 12 |
5 सप्ताह | 21 | 12 |
6 सप्ताह | 21 | 13 |
7 सप्ताह | 21 | 14 |
8 सप्ताह | 21 | 15 |
9 सप्ताह | 21 | 16 |
अन्य समय | 21 | 16 |
बटेर के बच्चे को पैदा करने के लिए
हमने आपको ऊपर ही बता दिया कि बटेर कभी भी अपने अंडे को नहीं सेते है। तो बटेर के अंडे से बच्चे को पैदा करने के लिए आपको कुछ मशीन की जरूरत होगी। जो मशीन इस काम प्रयोग होता है उसे नाम इन्क्यूबेटरों (अण्डे सेने की मशीन).
जैसे बटेर को पालने (quail farming) के लिए उन्हें उम्र के हिसाब से गर्म और रोशनी की जरूरत होती है उसी प्रकार ही बटेर के अंडे से बच्चे लेने के लिए समय के हिसाब से अंडे को गर्मी, रोशनी, हवा की जरूरत होती है।
मार्किट के बारे में
जब आप इस कारोबार को शुरू करे तो आप जरूर अपने आसपास के बाजार को पता लगाए। पता लगाए की बटेर के पालन करेने वाला पहले से ही आपके क्षेत्र में है या नहीं। इसके साथ ही साथ आप यह भी जरूर पता करे कि आपके बाजार में बटेर की अंडे के कितना मांग है। इसके साथ ही साथ आपको कितना फायदा हो सकता है।
खान-पान
जैसे की किसी भी जानवर के अच्छी सेहत के लिए अच्छा खान-पान की जरूरत होता है। हम आपको बता दें कि बड़ा और स्वस्थ बटेर एक दिन में करीब 20 से 25 ग्राम तक खाते है।
शुरुआत
तो हम आपको चलते चलते यह भी बता दे कि बटेर पालन को शुरू करने के लिए आपको कुछ पैसो को निवेश कर पड़ सकता है। बटेर पालन को शुरू करने में मुर्गी फार्म शुरू करने से ज्यादा पैसा भी लग सकता है। तो यह उस कारोबार में से नहीं है जिसे काफी कम पैसो में शुरू किया जा सकता है।
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