आँख को स्वस्थ कैसे रखें? आँख को स्वस्थ रखने की पूरी जानकारी

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आँख, हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। ऐसा कहा जाता है कि आंख हमारे शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा भी होता है। इसलिए आग की देखभाल करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि नासिक चीजों को खराब होने में वक्त नहीं लगती है। बढ़ते जनरेशन के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी विकास होता जा रहा है।

अगर हम इस बात पर गौर करेंगे की टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ-साथ उन से निकलने वाले रेडिएशन से हमारे शरीर को बहुत ज्यादा हानि पहुंचती है। जिसमें से की आंख को इससे बहुत ही ज्यादा हानि होती है।

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क्या अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि इन्हीं सब के कारण से हमारे शरीर में कौन-कौन से रोग उत्पन्न हो जाते हैं और इन सभी लोगों को हम कैसे नष्ट कर सकते हैं और अपनी आँखों को कैसे स्वस्थ रह सकते हैं। यह जानना चाहते हैं तो इसके लिए आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

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आंखों से संबंधित सामान्य समस्याएं

दोस्तों हमें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने की जरूरत तब है जब हमारी आंखों में कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती है और समस्या तब उत्पन्न होती है जब हम अपने आप आंखों की देखभाल नहीं करते हैं। तो चलिए दोस्तों कुछ उन समस्याओं को जान लेते हैं जिनसे हमारा आंखों को परेशानी या कष्ट झेलना पड़ता है।

ड्राई आई सिंड्रोम

टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रचलन से ड्राई आई सिंड्रोम की समस्याएं भी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इसकी वजह से हमारी आंखों में आंसू बनना कम होने लगता है या फिर आंखों की गुणवत्ता अच्छी नहीं रहती है। आंसू हमारी आंखों के तली को नम एवं गिला रखने और उसे सूखने से बचाते हैं।

आंखों में जलन होना, चुभन महसूस होना, आँखों का सूखा लगना, आंखों पर खुजली होना, आंखों का भारीपन होना तथा आँखों को कुछ देर तक खुली रखने में दिक्कत महसूस होना यह सब ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण हैं। इससे बचने के लिए बहुत सारे उपाय हैं जिनको हम आगे आपके सामने रखेंगे।

मोतियाबिंद

हम लोगों की आंखों के रेटिना पर फोकस करने में इमेज को बहुत ही ज्यादा सहायता मिलती है। जब लेंस क्लाउडरी हो जाता है प्रकाश लेंसों से आर पार नहीं जा पाती है। जिससे कि जो चित्र आप देखते हैं वह धुंधली दिखाई देती है। इसी कारण से इस दृष्टि के बाधित होने को हम लोग मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं।

मोतियाबिंद के कारण लोगों को पढ़ने, कार चलाने और अन्य विशेष कार्य में बहुत ज्यादा बाधा उत्पन्न होती है और उन्हें किसी भी चीज को देखने पर स्पष्ट नहीं बल्कि धुंधली दिखाई देती है। खासकर जो मोतियाबिंद होते हैं वह हमारी आंखों में धीरे-धीरे विकास की ओर जाते हैं और जब मोतियाबिंद की शुरुआत होती है।

तो यह हमारे देखने की क्षमता पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ती है। इसलिए इसको हम लोग नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह हमारे देखने की क्षमता को बहुत ही कम कर देता है। यदि आप इस परेशानी का हल जानना चाहते हैं। तो इस परेशानी का हल हम आपको नीचे इस पोस्ट में देंगे।

एज़ रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी)

दुनिया भर में जितने भी 50 साल से अधिक उम्र के जितने भी लोग हैं। उनमें एज़ रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) जो ना दिखने का सबसे बड़ा कारण है। बढ़ती उम्र को एज़ रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) का सबसे बड़ा जोखिम फैक्टर माना जाता है।

इसके अलावा यदि आप धुम्रपान और पर्यावरण से दूषित वातावरण में है। तो इसका खतरा आपके लिए और बढ़ जाता है। हम आपकी जानकारी के लिए यह बता दे रहे कि एज़ रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) सीधे हमारी आंखों को नहीं बल्कि हमारी आंखों में मैक्युला को प्रभावित करता है।

यदि आप मैक्युला के बारे में नहीं जानते है। तो हम बताते हैं की यह रेटिना का एक छोटा सा भाग होता है। जिसे हम लोग मैक्युला कहते हैं। यदि आप इन सभी परेशानियों का हल ढूंढना चाहते हैं। तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

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कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम

दोस्तों बढ़ते कंप्यूटर के साथ-साथ लोगों को बड़ी बड़ी परेशानियां उत्पन्न हो रही है जैसे कि लगातार कंप्यूटर को देखते रहना और उस पर काम करते रहने से हमारी आंखों को बहुत ही ज्यादा हानि पहुंचती है। अगर हम किसी भी कंप्यूटर लैपटॉप पर किसी भी काम को करने के लिए देर समय तक रुकते हैं।

तो उस समय हम लोग कंप्यूटर को देर तक घूरते रहते हैं। इस वक्त हमारी आंखों का हिलना – डुलना कम रहता है। कंप्यूटर का प्रकाश हमारी आंखों पर बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालता है। इस कारण से हमारी आंखों पर एक रोग उत्पन्न हो जाता है। जिसे हम लोग कंप्यूटर आई सिंड्रोम कहते हैं।

इसके कुछ सामान्य लक्षण है जैसे कि खुजली होना, आंखों से पानी आना, आंखों का सूख जाना ,पास की चीजों को देखने में दिक्कत होना और भी ऐसे बहुत सारे लक्षण है।

काला मोतिया

काला मोतिया, यह हमारी आंखों की दृष्टिहीनता या ना दिखने का सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है। इस बीमारी को पूरे विश्व में ना दिखने का या दृष्टि हीनता के अनुसार दूसरे स्थान पर रखा गया है। काला मोतिया एक ऐसी बीमारी होती है।

जो कि किसी को भी हो सकती है और किसी भी उम्र में भी हो सकती है। लेकिन खास करके यह बड़े और बुजुर्गों में बहुत ही ज्यादा देखा जाता है। काला मोतिया हमारी आंखों के ऑप्टिक नर्व को बहुत ही ज्यादा प्रभावित करता है। जब हम लोगों की आंखों से कोई भी द्रव्य पदार्थ या तरल पदार्थ निकलने में परेशानी होती है।

तो हम लोगों की आंखों में बहुत ही ज्यादा दबाव बढ़ता है। अगर यह ऐसे ही लगातार बढ़ता रहे तो ऑप्टिक नर्व नष्ट भी हो सकता है। हम लोगों की आंखों में ऑप्टिक नर्व ही एक ऐसी चीज होती है। जो हमारे सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करती है। अगर ऑप्टिक नर्व और आंखों के कुछ भागो पर पड़ने वाला जो दबाव है। अगर उसे हम लोग कम ना करें तो हमारे आंखों की रोशनी समाप्त भी हो सकती है।

तो दोस्तों यह रहे हमारी आंखों को कुछ प्रभावित करने वाली बीमारियां जिनसे कि हमारी आंखों को बहुत ही ज्यादा कष्ट एवं परेशानी सहने की जरूरत होती है। यदि आप इन सभी रोग एवं परेशानियों का हल ढूंढना चाहते हैं। तो हम आपको नीचे आज के इस पोस्ट में आंखों को स्वस्थ कैसे रखें और इन सभी बीमारियों से कैसे लड़े। इसके बारे में हमने आपको नीचे बताया है।

आंखों को स्वस्थ कैसे रखे

हमें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ तरीकों को आजमाना चाहिए। अगर आप उन तरीकों को नहीं जानते तो चलिए हम आपको उन तरीकों को बताते हैं।

  • हमें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जियां, फल, दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
  • हमें अपने आंखों को नियमित समय पर आराम देना चाहिए और हमें 6 से 8 घंटे आरामदायक नींद लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं। तो आपकी आँखे स्वस्थ नहीं रहती हैं।
  • हमें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए धूल मिट्टी और सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचने के लिए बाहर निकलते वक्त चश्मा पहनना चाहिए। इससे हमारी आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।
  • हमें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए धुम्रपान और नशा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे मोतियाबिंद बढ़ने की बहुत ही ज्यादा आशंका बढ़ जाती है। उसे हमारी आंखें सुरक्षित और स्वस्थ नहीं रह पाती हैं।
  • अगर आपको अपनी आंखों को स्वस्थ रखना है तो कंप्यूटर पर कार्य करते समय अपने आंखों के पलकों को निरंतर झपकाते रहना चाहिए। इससे हमारी आंखें आंखों के आंसू जल्दी सुखते या उड़ते नहीं है। जिससे कि हमारी आंखें स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहती है।
  • अगर आप किसी भी कंप्यूटर पर जरूरी काम कर रहे हैं। तो आपको हर एक आधे घंटे के बाद 5 से 10 मिनट के लिए अपनी आंखों को आराम देना है और अपनी आंखों की नजर को स्क्रीन से दूर लेकर जाना है। ऐसा ही आपको आधे – एक घंटे बाद फिर से दोबारा करना है। अगर ऐसी प्रक्रिया करते रहे। तो आपकी स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहती हैं।
  • अपनी आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किसी भी लाइट स्क्रीन या कंप्यूटर से अपनी आंखों को 20 से 30 इंच की दूरी पर रखें और जबकि टीवी को अपनी आंखों से कम से कम 3.5 मीटर की दूरी पर देखें इससे आपकी आंखे स्वस्थ एवं सुरक्षित बनी रहती है।
  • अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आपको किसी भी काम को करने के बाद अपनी आंखों को कम से कम दो से तीन बार अवश्य धोएं ऐसा करने से आपकी आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।
  • अगर आप किसी भी जरूरी कार्य को लगातार कर रहे हैं तो ऐसा करने से आपके आंखों को नुकसान हो सकता है लगातार कर काम करने के साथ-साथ आपको हर 20 से 25 सेकंड का तक अपनी आंखों को बंद रखें ऐसा करने से आप अपनी आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं।
  • अगर आप देर रात तक पढ़ाई करते हैं तो इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है ऐसे में आपकी आंखें भी खराब हो सकती हैं। आप को पढ़ते समय अपने चारों तरफ कम रोशनी रखनी चाहिए। इससे आप अपनी आंखों को सुरक्षित रख पाएंगे।
  • अगर आप कभी भी चलती हुई गाड़ी में बैठे हैं तो उसमें आप किसी भी प्रकार का कोई भी पठन का कार्य न करें इससे हिलती हुई गाड़ियों से हमारी आंखें भी निरंतर हिलती डुलती रहती है जिससे कि हमारी एकग्रीचिता पर प्रभाव पड़ता है और इससे हमारी आंखें भी खराब हो सकती हैं।

अगर आप यह सभी क्रियाएं अपने अंदर लाते हैं तो आपकी आंखें खराब होने से बच जाती है और यदि आप एक्सरसाइज करते हैं और आप चाहते हैं कि एक्सरसाइज के माध्यम से आपकी आंखें स्वस्थ रहें। तो चलिए हम कुछ ऐसे एक्सरसाइज बताते हैं जिनकी मदद से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं।

फोकस ऑन वन पॉइंट

यह एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसकी मदद से आप अपनी आंखों को स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते हैं। इस एक्सरसाइज में आपको एक जगह पर अच्छे से बैठ जाना है और आप अपने सामने एक पॉइंट बना लेना है और उसी पर आपको फोकस करते रहना है।

यह करते वक्त आपको अपना राइट हैंड को आगे बढ़ाना है और अंगूठे को फोकस वाले प्वाइंट के निचे रख देना है। यह करते वक्त आपको अपने अंगूठे के ऊपर वाले प्वाइंट को लगातार घूरते रहना है। यह प्रकिया आपको रोज करना है। यह एक्सरसाइज करने से आपकी आँखे स्वस्थ बानी रहती है।

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पलकें झपकना

यह हमारी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी एक्सरसाइज में से एक है। इस एक्सरसाइज में आपको अपनी पलकों को हमेशा झपकाते रहने की जरूरत है।

अगर इसके बारे में आपको विस्तार से बताएं तो इस एक्सरसाइज में आपको किसी सुरक्षित स्थान पर आराम से बैठ जाना है और अपनी आंखों को जल्दी जल्दी से 10 से 15 बार तक पलकें झपकाते रहना है।

फिर उसके बाद आपको अपनी आंखों को बंद कर लेना है और 20 सेकंड बाद आराम से अपनी आंखों को खोलना है। इससे आपका ब्लड प्रेशर में बहुत ज्यादा सुधार होता है और इससे आपकी आंखों को बहुत ही ज्यादा आराम भी मिलता है।

अगर आपकी आंखें कभी-कभी बहुत ही ज्यादा थकान महसूस कर रही है। तो आप यह तरीका आजमा सकते हैं। इससे आपकी आंखों को बहुत ही ज्यादा आराम मिल सकता है।

इंफिनिटी सिंबल

यह हमारी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ एक्सरसाइज में से एक ह। इस एक्सरसाइज में आपको एक टेबल या चेयर पर आराम से बैठ जाना है। फिर उसके बाद अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को अपने चेहरे से लगभग 10 इंच की दूरी पर रखना है।

फिर उसके बाद अपने हाथ को रोककर अंगूठे पर फोकस करते रहना है। आंखों को अपनी दिशा यानी कि अंगूठे की तरफ फोकस करते रहना है। अंगूठे को अपनी दिशा की ओर रखना ही हम लोग इंफिनिटी सिंबल कहते हैं। अगर यह एक्सरसाइज आप हमेशा करते हैं तो आपकी आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।

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निष्कर्ष

तो दोस्तों हमें आशा है कि यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने आपको अपनी आंखों को स्वस्थ कैसे रखें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। अगर इन सभी जानकारियों से आपको कुछ भी ज्ञान प्राप्त हुआ हो। तो इसके लिए इस पोस्ट को शेयर जरूर करें धन्यवाद।

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