rose farming का मतलब हिंदी में गुलाब की खेती करना कहा जाता है। गुलाब एक ऐसा फूल है जो काफी ज्यादा बिकता है। गुलाब के फूल का मांग भारत के साथ साथ विदेशो में भी काफी ज्यादा है। गुलाब का फूल काफी जगहों पर इस्तमाल किया जाता है, जैसे शादी, पार्टी, पूजा और अन्य जगह। हम आपको बता दे कि गुलाब के फूल से काफी तरह के परफ्यूम भी बनाया जाता है।
गुलाब के फूल से बना गुलाब जल का भी भारत में काफी प्रयोग होता है। गुलाब के फूल की मांग भारत में हर समय काफी अच्छी होती है। गुलाब के फूल काफी भिन्न प्रकार के भी होते है। जैसे आकार में छोटे बड़े के साथ साथ रंगो में भिन्न होते है।
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rose farming के बारे में
अगर बात करे गुलाब की खेती के बारे में तो गुलाब की खेती भारत के साथ अन्य देशो में भी काफी सफल बिज़नेस है। अगर बात करे भारत के राज्यों के जहा पर गुलाब की खेती काफी ज्यादा होती है तो वह इस प्रकार से है कर्नाटक, तमिल नाडु, बिहार, उत्तार प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल,हर्याना, गुजारत, पंजाबी, जामू और कशमीर, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश।
गुलाब की खेती (Rose cultivation) भारत के किसानो के लिए काफी सफल खेती में से एक खेती है।
rose farming: मिटी
गुलाब की खेती करने के लिए सूखा रेतीली दोमट मिट्टी जो कार्बनिक पदार्थों से उपयुक्त मिट्टी काफी अच्छी होती है। गुलाब के पौधे को पानी की काफी जरूरत होती है ऐसे में उन्हें काफी हिसाब और अच्छी तरह पानी भी देना चाहिए। गुलाब के पौधे सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में बढ़ते है। वैसे बरसात के मौसम में हर पौधे काफी तेजी से बढ़ाते और विकसित होते है।
rose farming: भिन्न प्रकार के गुलाब

वैसे तो गुलाब के फूल काफी भिन्न प्रकार के होते है। कुछ छोटे तो कुछ बड़े साथ ही साथ रंग में भिन्न होते है। पर मुख रूप से दो प्रकार के गुलाब होते है।
1. जंगली गुलाब: यह नाम से ही समझ में आते है कि यह गुलाब ज्यादा तर जंगल में होते है। यह देखने में उतने सुन्दर नहीं होते है। इस गुलाब के फूल करीब पाँच पंखुड़ियाँ होती है। यह पंखुड़ियाँ काफी चमकदार होती है। जंगली गुलाब के फुल भी कई रंग के होते है। यह ज्यादा तर ठंड के मौसम में दिखाई पड़ते है।
2. बाग़ गुलाब: अगर बात करे दूसरे प्रकार के गुलाब के तो वह बाग़ गुलाब होते है। जिन्हे हम अक्सर देखते है। इसका काफी इस्तमाल भी होता है। बाग़ गुलाब देखने में काफी सुन्दर होने के साथ साथ इनसे कोमलता और खुश्बू भी होता है।
आधुनिक गुलाब: यह काफी नए प्रकार के गुलाब होते है। इन्हे इंसानो दवारो दो तरह के गुलाब या एक गुलाब और दूसरे पौधे से विकसित किया जाता है।
जलवायु की स्थिति
अगर बात करे गुलाब के जलवायु की स्थिति के बारे में तो गुलाब काफी नहीं वाले जलवायु में विकसित नहीं हो सकता है। पर यह गर्म जलवायु को सहने की छमता रखता है। गुलाब के पौधों को सूरज की रोशनी काफी जरुरी होती है। इसलिए अगर गुलाब के खेती पर किसी तरह का चाव पड़ता है तो खेती ख़राब होने का डर बना रहता है। जैसे कि माकन से चाव, किसी पेड़ से छाव।
गुलाब के पौधे लगाने के बारे में
अगर बात करे गुलाब के पौधे लगाने के बारे में। तो इन्हे लगाने का सबसे अच्छा समय शाम का होता है और सितम्बर से अक्टूबर का महीना काफी अच्छा होता है। गुलाब के पौधों को करीब 80cm गहरे में लगाना काफी अच्छा होता है। गुलाब के पौधे की बुआई बीज, परतों, गुलाब के पौधे को काट कर बोने से, बडिंग के माध्यम से किया जाता है।
गुलाब के पौधे की देखभाल

गुलाब के पौधे को बोन के बाद उसकी देखभाल कर काफी जरुरी होता है। गुलाब के पौधे को पानी की काफी जरुरी होती है। करीब गर्मी के मौसम में हफ्ते में दो बार की जरूरत होती है। इसके अलावा गुलाब के सूखे पत्ते और डालियो को समय समय पर कटाने और साफ करने की जरूरत पड़ती है।
इन सब के अलावा गुलाब खेती को खाद्य की काफी जरुरी होती है। वैसे खाद्य की जरूरत हर खेती पे पड़ती है। करीब 3 महीने के अंतर आल में गुलाब की खेती (Rose cultivation) में खाद्य डाला जाए तो काफी अच्छी खेती हो सकती है।
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