Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana:- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर गौरव दिवस के अवसर पर किसानों की आय में वृद्धि करने और रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने एवं जंगलों पर दबाव कम करने के लिए राज्य में पेड़ों के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना शुरू करने की घोषणा की है। निजी भूमि पर वृक्षारोपण को मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से प्रोत्साहन देकर काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री जी द्वारा ऐसा माना गया है कि समृद्ध बनाने के लिए राज्य में पेड़ पौधों को लगाना बहुत ज़रूरी है। अपनी निजी जमीन में राज्य के नागरिक पेड़ पौधे लगाना बहुत जरूरी है इसलिए किसानों के साथ-साथ सरकार का सपना पूरा करने के लिए भी इस योजना को शुरू किया जा रहा है। आज के हमारे इस लेख द्वारा Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana 2023 से संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे।

Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana 2023
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana 2023 को आरंभ करने का 17 दिसंबर को एलान किया गया है। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का आरंभ करने की घोषणा छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार द्वारा 4 साल पहले होने की ख़ुशी में छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर की गई है। MVSY के माध्यम से 5 साल के भीतर 2 लाख एकड़ निजी भूमि पर राज्य सरकार द्वारा इमारती व औषधीय वृक्ष को तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसके अतिरिक्त किसानो को 50% सब्सिडी निजी भूमि पर पौधों के रोपण हेतु प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही प्रति एकड़ 10 हजार रुपए का बोनस 3 सालो तक प्रदान किया जाएगा। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी वृक्ष संपदा योजना के आरंभ होने से राज्य के सभी किसानो की आय में वृद्धि होगी तथा राज्य में बढ़ती बेरोजगारी की दर में भी कमी आएगी और साथ ही राज्य किसानों के पेड़ों की लकड़ी, छाल आदि बिकवाने की जिम्मेदारी भी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की होगी।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana |
शुरू की गई | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा |
लाभार्थी | राज्य के नागरिक |
उद्देश्य | निजी भूमि पर पौधारोपण को बढ़ावा देना आय व रोजगार के अवसर को बढ़ाना |
लाभ | 50% सब्सिडी और प्रति एकड़ 10 हजार रुपए बोनस |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन |
अधिकारिक वेबसाइट | http://www.cgforest.com/ |
CG Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana के मुख्य उद्देश्य
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहन देकर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना है।
- इस मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना द्वारा किसानों की आय में वृद्धि एंव रोजगार के अवसर को बढ़ाना , जंगलों पर दबाव कम करना आदि भी मुख्य उद्देश्यों के अंतर्गत आते है।
- वृक्षारोपण हेतु किसानों को 50% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- किसानों द्वारा तैयार की गई पेड़ों की लकड़ी छाला बिकवाने व निर्यात के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार द्वारा वन विभाग देश-विदेश की कंपनियों के साथ मिलकर किसानों से एमओयू करेगा।
- जिससे राज्य में वृक्षारोपण को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में हरियाली से पर्यावरण सुरक्षित रह सकेगा।
100 करोड़ के बजट का प्रावधान
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा राज्य के नागरिको को टिश्यू कल्चर पद्धति के आधार पर सागौन, शीशम, बांस, ग्राफ्टेड, आंवला, चंदन जैसी इमरती व महंगी लकड़ियों वाले पेड़ों के पौधे लगाने के लिए Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana 2023 के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। कुछ समय पूर्व ही राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के भली भांति संचालन हेतु 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को पौधों के रोपण के लिए 50% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही प्रति एकड़ 10,000 रूपए बोनस सरकार द्वारा 3 वर्ष तक प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत यदि किसी किसान द्वारा एक लाख रुपए खर्च करके अपनी एक एकड़ भूमि पर पौधे लगाएं जाते है। इस स्थिति में सरकार द्वारा 1 लाख रुपए सब्सिडी के रूप में किसानो को प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लाभ एवं विशेषताएं
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लाभ एवं विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
- नागरिकों को अपनी निजी भूमि पर व्यवसायिक वृक्षारोपण करने के लिए एवं प्रोत्साहित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को शुरू करने की घोषणा की है।
- इस योजना के माध्यम से राज्य के निवासियों को लकड़ी का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा प्रेरित किया जाएगा।
- जिससे किसानों को पेड़ों से ही आय प्राप्त हो सकेगी।
- Mukhymantri Vriksh Sampada Yojana के माध्यम से लकड़ी से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों द्वारा इस योजना के अधीन निजी भूमि पर पौधों के रोपण के लिए सरकार द्वारा किसानों को 50% सब्सिडी दी जाएगी।
- किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3 वर्ष तक प्रति एकड़ 10,000 रुपए की धनराशि इस योजना के अधीन बोनस के रूप में दी जाएगी।
- योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन हेतु अब तक सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
- Mukhymantri Vriksh Sampada Yojana के अधीन राज्य सरकार द्वारा 5 साल के भीतर 2 लाख एकड़ निजी भूमि पर इमारती व औषधीय वृक्ष तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- अब भूमि के स्वामी अपनी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित पेड़ों की कटाई को खुद करवा सकेंगे।
- जिसके लिए उन्हें किसी की भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
- इस योजना के माध्यम से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- इस प्रकार किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
- मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत पेड़ तैयार होने पर पेड़ों की लकड़ी, छाल आदि बिकवाने का कार्य सरकार का होगा।
- इस योजना के लागू हो जाने से न सिर्फ पेड़ पौधे, हरियाली में समृद्धि होगी बल्कि राज्य के निवासियों को भी अजीविका का साधन प्राप्त होगा।
Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana के लिए पात्रता
- मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक नागरिको को छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
- सभी वर्ग के नागरिको द्वारा इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के अधीन आवेदनकर्ता की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
Vriksh Sampada Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- जमीनी दस्तावेज
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- स्थाई प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया
यदि आप छत्तीसगढ़ Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना होगा।
- सबसे पहले आपको अपने नजदीकी वन विभाग के कार्यालय में जाना होगा।
- वहां जाकर आपको संबंधित अधिकारी से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
- अब आपको आवेदन पत्र में पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी।
- इसके साथ ही फॉर्म में पूछे गए सभी दस्तावेजों को साथ में संलग्न करना होगा।
- उसके बाद आपको यह आवेदन पत्र वापस वन विभाग के अधिकारी के पास जमा करना होगा।
- इस प्रक्रिया को अपनाकर आप योजना के अधीन आवेदन कर सकते हैं।